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NIA Action: अमृतपाल सिंह के चाचा, साले और समर्थकों पर छापेमारी, खालिस्तान से जुड़ा मामला

NIA Action: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हाल ही में अमृतपाल सिंह के चाचा, साले और कई अन्य समर्थकों के खिलाफ बड़ी छापेमारी की कार्रवाई की है। यह छापेमारी पंजाब के श्री हरगोबिंदपुर के तीन गांवों में की गई है और इसके तहत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं। यह कार्रवाई खालिस्तान से जुड़ी गतिविधियों की जांच के तहत की गई है और अमृतपाल सिंह के समर्थकों की संलिप्तता को लेकर आशंका जताई जा रही है।

NIA की छापेमारी की जानकारी

NIA ने श्री हरगोबिंदपुर के कस्बे घुमन, गांव मछरावां और भामंडी में छापेमारी की। इन गांवों में जिन लोगों के घरों पर छापे मारे गए हैं, वे खालिस्तानी समर्थक और अमृतपाल सिंह के समर्थक बताए जा रहे हैं। NIA की टीम ने घुमन गांव के गुरमुख सिंह, भामंडी के लखविंदर कौर और मछरावां के बलजीत सिंह के घरों पर छापेमारी की है।

सूत्रों के अनुसार, NIA टीम ने सुबह 5 बजे समलसर कस्बे के मक्खन सिंह मुसाफिर के घर पर भी छापेमारी की। मक्खन सिंह मुसाफिर घर पर मौजूद नहीं थे और छापेमारी सरपंच और अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति में की गई।

अमृतपाल सिंह के साले और चाचा पर कार्रवाई

अमृतपाल सिंह, जो वर्तमान में डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं, के साले और चाचा पर भी छापेमारी की गई है। अमृतपाल सिंह के चाचा पर्गट सिंह और साले मेहता के घरों पर भी NIA ने छापे मारे। ये दोनों लोग रायया में फेरूमान रोड पर रहते हैं। इस छापेमारी के दौरान NIA ने DVR, लैपटॉप और कई दस्तावेज़ जब्त किए हैं।

NIA Action: अमृतपाल सिंह के चाचा, साले और समर्थकों पर छापेमारी, खालिस्तान से जुड़ा मामला

NIA को संदेह है कि पर्गट सिंह और मेहता तथा उनके परिवार के सदस्य अभी भी खालिस्तानी गतिविधियों में संलिप्त हैं।

अमृतपाल सिंह की लोकसभा चुनाव में जीत

अमृतपाल सिंह, जो जेल में बंद हैं, ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में भाग लिया था और उन्होंने चुनाव भी जीता था। उनकी जेल में रहकर चुनाव लड़ने की घटना ने भी इस मामले में जटिलता बढ़ा दी है।

खालिस्तान से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच

NIA ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथ जुड़े वित्तीय लेन-देन की भी जांच शुरू कर दी है। गहनौर विधानसभा क्षेत्र के गांव कथथा खेड़ी में भी छापेमारी की गई है। जिंदर सिंह, जो अमृतपाल सिंह का समर्थक बताया जा रहा है, के घर पर NIA अधिकारियों ने जांच की है।

सूत्रों के अनुसार, NIA यह जांच कर रही है कि जिंदर सिंह के खाते में प्राप्त धनराशि का स्रोत क्या है और इसे किस प्रकार के खालिस्तानी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया है।

छापेमारी का प्रभाव और भविष्य की रणनीति

NIA की इस छापेमारी से स्पष्ट होता है कि एजेंसी खालिस्तानी गतिविधियों और अमृतपाल सिंह के समर्थकों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और सख्त कर रही है। इस छापेमारी के जरिए एजेंसी ने यह संदेश दिया है कि वह खालिस्तान से जुड़ी किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

अमृतपाल सिंह के समर्थकों और उनके परिवार के लोगों पर की गई इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि NIA अपने जांच के दायरे को और व्यापक बनाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि इस छापेमारी का क्या प्रभाव पड़ता है और क्या इसके जरिए खालिस्तान समर्थक नेटवर्क के अन्य कड़ी तक पहुंच बनाई जा सकेगी।

आगे की कार्रवाई और जांच की प्रक्रिया को लेकर अभी भी कई पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह देखना होगा कि NIA के इस अभियान से कितनी सफलता मिलती है और क्या इसके जरिए खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

इस छापेमारी से जुड़े घटनाक्रम और इसके परिणाम भविष्य में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर नियंत्रण के प्रयासों को प्रभावित कर सकते हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में और कौन-कौन सी कार्रवाई की जाती है।

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